۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
पाप को हल्का समझना

हौज़ा | मुसीबत सिर्फ यह नहीं है कि हमसे कुछ छीन लिया गया है या हम किसी विपत्ति में फंस गए हैं। पाप को हल्के में लेने की आदत से पाप में आत्मसंतुष्टि आ जाती है, जो एक बहुत बड़ी मुसीबत है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

सबसे बड़ी मुसीबत

قال الامام الباقر عليه السلام :

لامُصيبَةَ كَاستِهانَتِكَ بِالذَّنبِ و رِضاكَ بِالحالَةِ الَّتي أنتَ عَلَيها۔  ला मुसीबता कासेतहा नतेका बिज़्ज़म्बे व रेज़ाका बिलहालतिल लती अन्ता अलैहा

इमाम बाक़िर (अ) फ़रमाते हैं:

पाप को हल्का और आसान मानकर उसी में संतुष्ट हो जाने से बढ़कर कोई कष्ट नहीं है।

संक्षिप्त विवरण

1- परेशानी सिर्फ यह नहीं है कि हमसे कुछ छीन लिया गया है या हम किसी विपत्ति में फंस गए हैं।

2- बल्कि अल्लाह की हर अवज्ञा और उसके आदेशों का उल्लंघन पाप कहलाता है।

3- यदि पाप पर पछतावा न हो और उसे हल्का समझ लिया जाए तो निश्चय ही पाप करना मनुष्य की आदत बन जाती है।

4- पाप को हल्के में लेने की आदत से पाप में आत्मसंतुष्टि आ जाती है, जो एक बहुत बड़ा कष्ट है।


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बिहार अल-अनवार, भाग 75, पेज 162

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