۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
समाचार कोड: 387524
21 सितंबर 2023 - 17:32
تنهائی

हौज़ा/ज़िंदगी में इम्तेहान आपको मज़बूत बनाने के लिए आते हैं इसलिए उसका डट कर सामना कीजिए अपने आप को यक़ीन दिलाइए कि मेरा अल्लाह मेरा रब मुझसे इतनी मोहब्बत करता है बेशक वह मुझे इम्तेहान में डालकर कुछ सीख देना चाहता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हम ज़िंदगी में दूसरों को ख़ुश करने में लगे रहते हैं और ख़ुद को भूल जाते हैं लेकिन आज से ख़ुद के लिए समय निकालिए अपने खान पान का ध्यान रखिए अपने अंदर के बच्चे को मरने मत दीजिए जो पसंद है वह खाइए अच्छी अच्छी किताबें पढ़िए

शीशे में देख कर अपने आप से कहिए कि मैं क्या था और मैंने अपने आप को कैसा बना लिया है और अब मुझे ख़ुद को बदलना हैं।

किसी का इंतेज़ार मत कीजिए जो करना है आपको ख़ुद करना है, पहला क़दम आपको ख़ुद उठाना है, अपनी सलाहियतों और क़ाबलियतों को इस्तेमाल कीजिए आपको मालूम है कि आप कर सकते हैं लेकिन आप उठ नहीं रहे, उठिए वरना आपको कोई उठाने नहीं आएगा, अपने आपको दूसरों की हमदर्दी का मोहताज मत बनाएं, आप ख़ुद और आपका अल्लाह आपके लिए काफ़ी हैं।

ख़ुद से अहद कीजिए कि हर हाल में आगे बढ़ना है रुकना नहीं हैं अपनी ज़िंदगी को वीरान मत कीजिए अपनी सलाहियतों को कमज़ोर मत कीजिए, बड़ी से बड़ी मुश्किल भी अगर सामने आ गई हो तो उसका सामना कीजिए परेशानी से डरना नहीं लड़ना सीखिए

ख़ामोशी से अपने अंदर की आवाज़ सुनिए कभी कभी वह नहीं कह रहे होते हैं जो आपके दिल में होता है आपको मालूम होता है कि मेरी ही ग़लती है मगर आप अलग अलग तरह के बहाने तलाश कर के ख़ुद को बहका रहे होते हैं।

आज से आपके अंदर से आने वाली आवाज़ को सुनिए कि आपका ज़मीर और आपकी रूह क्या चाहती है क्योंकि अंदर से आने वाली आवाज़ बेहद सच्ची होती हैं, जो भी उन्हें सुनता है और ख़ुद को बदलता है वह बहुत आगे जाता है।

नेचुरल माहौल यानी खुली फ़िज़ा में जाइए, वॉक कीजिए, आसमान के फैलाव को देखिए सूरज चांद और सितारे देखिए

नाकामियों की वजह से अपने साथ लेबल मत चिपकाइए कि "I AM A LOOSER" यानी मैं नाकाम हूं, हक़ीक़त यह है कि हम हमेशा ख़ुद को दूसरों की नज़रों से देखते हैं हक़ीक़त में हम वह नहीं होते जो लोग हमारे बारे में सोचते हैं, हम वह होते हैं जो हम ख़ुद अपने बारे में सोचते हैं।

जब हम बहुत से काम एक साथ शुरू कर रहे हों तो पहले एक काम अच्छी तरह से कर लें फिर अगला शुरू करें अहम और ज़रूरी काम पर ध्यान दें, ग़ैर ज़रूरी काम को छोड़ दें।

कोई काम कोई आदत छोड़नी हो तो उसके फ़ायदे और नुक़सान को दिमाग़ में रखिए और नतीजे पर निगाहें गड़ाए रहिये।

ज़िंदगी में इम्तेहान आपको मज़बूत बनाने के लिए आते हैं इसलिए उसका डट कर सामना कीजिए अपने आप को यक़ीन दिलाइए कि मेरा अल्लाह मेरा रब मुझसे इतनी मोहब्बत करता है बेशक वह मुझे इम्तेहान में डालकर कुछ सीख देना चाहता है।

याद रखिए!ख़ुशी हो या ग़म, दोनों ही हमेशा रहने वाले नहीं हैं इसलिए दोनों हालतों में ख़ुद को नॉर्मल रखिए

दुनिया के बारे में लंबी लंबी ख़्वाहिशों से बचिए फिर यह होगा तो हम वहां जाएंगे फिर यह ख़रीदेंगें क्योंकि आप सोचते हैं कि यह होगा तो ख़ुशी मिलेगी और चूंकि वह मिलता नहीं तो आप अपनी ख़ूबसूरत ज़िंदगी बर्बाद कर देते हैं इसलिए अपने वर्तमान यानी मौजूदा हालात पर नज़र रखिए

अपनी सोच को बहुत आगे लेकर मत जाइए, कोशिश कीजिए लोगों के बीच रहें रात को अकेले मत सोइए क्योंकि अकेले इंसान को शैतान ज़्यादा उलझाता है।

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