हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
सबसे बड़ी मुसीबत
قال الامام الباقر عليه السلام :
لامُصيبَةَ كَاستِهانَتِكَ بِالذَّنبِ و رِضاكَ بِالحالَةِ الَّتي أنتَ عَلَيها۔ ला मुसीबता कासेतहा नतेका बिज़्ज़म्बे व रेज़ाका बिलहालतिल लती अन्ता अलैहा
इमाम बाक़िर (अ) फ़रमाते हैं:
पाप को हल्का और आसान मानकर उसी में संतुष्ट हो जाने से बढ़कर कोई कष्ट नहीं है।
संक्षिप्त विवरण
1- परेशानी सिर्फ यह नहीं है कि हमसे कुछ छीन लिया गया है या हम किसी विपत्ति में फंस गए हैं।
2- बल्कि अल्लाह की हर अवज्ञा और उसके आदेशों का उल्लंघन पाप कहलाता है।
3- यदि पाप पर पछतावा न हो और उसे हल्का समझ लिया जाए तो निश्चय ही पाप करना मनुष्य की आदत बन जाती है।
4- पाप को हल्के में लेने की आदत से पाप में आत्मसंतुष्टि आ जाती है, जो एक बहुत बड़ा कष्ट है।
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•
बिहार अल-अनवार, भाग 75, पेज 162