۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | हज़रत ईसा (अ) के संदेश का मूल संबोधनकर्ता बनी इसराइल थे। रसूल को स्पष्ट निशानियों के साथ भेजना अल्लाह तआला की प्रभुता का प्रकटीकरण है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَرَسُولًا إِلَىٰ بَنِي إِسْرَائِيلَ أَنِّي قَدْ جِئْتُكُم بِآيَةٍ مِّن رَّبِّكُمْ ۖ أَنِّي أَخْلُقُ لَكُم مِّنَ الطِّينِ كَهَيْئَةِ الطَّيْرِ فَأَنفُخُ فِيهِ فَيَكُونُ طَيْرًا بِإِذْنِ اللَّـهِ ۖ وَأُبْرِئُ الْأَكْمَهَ وَالْأَبْرَصَ وَأُحْيِي الْمَوْتَىٰ بِإِذْنِ اللَّـهِ ۖ وَأُنَبِّئُكُم بِمَا تَأْكُلُونَ وَمَا تَدَّخِرُونَ فِي بُيُوتِكُمْ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لَّكُمْ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ  व रसूलन ऐला बनी इस्राईला अन्नी क़द जेतोकुम बेआयातिम मिर रब्बेकुम अन्नी अख़्लोको लकुम मिनत तीने कहैअतित तैरे फ़अंफ़ोख़ो फीहे फ़यकूनो तयरन बेइज़्निल्लाहे व अबरेउल अकमह वलअबरसा व ऊहिय्यल मौता बेइज़्निल्लाहे व ओनब्बेओकुम बेमा ताकोलूना वमा तद्दखेरूना फ़ी बोयूतेकुम इन्ना फ़ी ज़ालेका लआयातल लकुम इन कुंतुम मोमेनीना। (आले-इमरान, 49)

अनुवाद: और वह उसे बनी इस्राएल के लिए अपना दूत बनाएगा। (और जब वह भेजा जाएगा, तो कहेगा:) मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक चमत्कार लेकर आया हूं कि मैं तुम्हारे लिए मिट्टी से एक पक्षी का आकार बनाऊंगा और उसमें फूंक मारूंगा, और वह ईश्वर की आज्ञा से एक पक्षी बन जाएगा। और परमेश्वर की आज्ञा से मैं अन्धे और कोढ़ी को चंगा करता हूं, और मरे हुओं को जिलाता हूं। और आप क्या खाते हैं और जब तुम उन्हें अपने घरों में इकट्ठा करो, तो मैं तुमसे कहता हूं कि यदि तुम ईमान वाले हो तो तुम्हारे लिए (ईश्वर की शक्ति और मेरी पैग़म्बरी की) वास्तव में एक बड़ी निशानी है।

क़ुरआन की तफ़सीर:

1️⃣ ईसा के सन्देश का मूल संबोधक बनी इसराइल थे।
2️⃣ रसूल को उज्ज्वल निशानियों के साथ भेजना अल्लाह तआला की प्रभुता का प्रकटीकरण है।
3️⃣ मानव प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन में चमत्कारों की प्रभावशीलता एवं भूमिका।
4️⃣ ईश्वर के पैगम्बरों (स) के स्पष्ट चमत्कार उनके संदेश की प्रामाणिकता का संकेत थे।
5️⃣ चमत्कार, पैगंबरों की भविष्यवाणी पर मानवीय संतुष्टि का स्रोत।
6️⃣ भौतिक तत्वों की रचना के बाद आत्मा का उससे संबंध ही जीवन की घटना की संपूर्ण व्यवस्था है।
7️⃣ पैगंबरों के चमत्कार भगवान की अनुमति से किए जाते हैं।
8️⃣ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की संरक्षकता होती थी।
9️⃣ मनुष्य द्वारा दिव्य छंदों का उपयोग उसकी विशिष्ट क्षमताओं से निर्धारित होता है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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