۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | इंसान के दिल में जो कुछ भी है, अल्लाह उसे जानता है, चाहे वह उसे प्रकट करे या छिपाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
قُلْ إِن تُخْفُوا مَا فِي صُدُورِكُمْ أَوْ تُبْدُوهُ يَعْلَمْهُ اللَّـهُ ۗ وَيَعْلَمُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ وَاللَّـهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ   क़ुल इन तुख़्फ़ू मा फ़ी सुदूरेकुम औ तुब्दूहो याअलम्हुल्लाहो वा याअलमो मा फ़ीस्समावाते वमा फ़िल अर्ज़े वल्लाहो अला कुल्ले शैइन कदीर (आले-इमरान, 29)

अनुवाद: कहो! जो कुछ तुम्हारे सीने में है, चाहे तुम उसे छिपाओ या प्रकट करो, परमेश्वर उसे जानता ही है। और वह सब कुछ जानता है जो आकाशों और धरती में है, और ईश्वर को हर चीज़ पर अधिकार है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ इंसान का सीना उसकी सोच और विचारों का खजाना होता है।
2️⃣ इंसान के सीने में जो कुछ है, अल्लाह को उसकी खबर रहती है, चाहे इंसान उसे जाहिर करे या छुपाए।
3️⃣ मनुष्य को उस महान और श्रेष्ठ ईश्वर के पास वापस जाना है जिसके पास पूर्ण ज्ञान और पूर्ण शक्ति है।
4️⃣ काफिरों के साथ गुप्त संबंध और उनकी संरक्षकता का चुनाव अल्लाह ताला के ज्ञान से बाहर नहीं है।
5️⃣ ब्रह्माण्ड मण्डल में अनेक स्वर्गों का अस्तित्व।
6️⃣ प्राणी स्वर्ग में पाए जाते हैं।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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