۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
समाचार कोड: 390426
21 जून 2024 - 12:22
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में हज और उमराह की फज़ीलत बयान फरमाई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "फोरूए काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الصادق علیه السلام

الحَجُّ و الْعُمْرَةُ سُوقانِ مِن اسْواقِ الآخِرَةِ و العامِلٌ بِهِما فی جَوارِ اللَّهِ انْ ادْرَک ما یَأمُلُ غَفَر اللَّهُ لَهُ وَ انْ قَصُرَ بِهِ اجَلُهُ وَقَعَ اجْرُهُ عَلَی الله

हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

हज और उमराह आखिरत की बाज़ारों में से दो बाज़ार है जो भी इन दो पर अमल के लिए कदम उठाएगा, वह अल्लाह तआला के जवार और पनाह में है, अगर वह जिसकी आरजू (अल्लाह ताला के घर की जियारत करना)करता हैं,इसे हासिल कर ले तो अल्लाह ताला इसके गुनाहों को बख्श देगा और अगर मौत ने इससे महरूम कर दिया तो भी इसकी जज़ा खुद पर हैं।

फोरूए काफी,भाग 4,पेज 260

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