۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

क़ज़ावत मे फ़ैसले के लिए रिश्वत देना और लेना हराम है फ़ैसला हक़ पर ही हो चाहे ज़ालिम से जायज़ हक़ निकलवाने के लिए रिश्वत देना पड़े तो दी जा सकती है मगर लेने वाले के लिए रिश्वत लेना हराम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने पूछे गए सवाल का जवाब दिया है जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते है उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: क़ज़ावत मे फ़ैसले के लिए रिश्वत देना और लेना कैसा है?

जवाब: क़ज़ावत मे फ़ैसले के लिए रिश्वत देना और लेना हराम है फ़ैसला हक़ पर ही हो चाहे ज़ालिम से जायज़ हक़ निकलवाने के लिए रिश्वत देना पड़े तो दी जा सकती है मगर लेने वाले के लिए रिश्वत लेना हराम है।

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