۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
امام

हौज़ा / हज़रत इमाम ज़माना अ.स. के बारे मे रिवायत है बयानउल कंजी शाफ़ेई में अली बिन जोशब से रिवायत की है अली बिन जोशब बयान करता है अली इब्ने अबी तालिब फ़रमाते है कि मैने रसूलल्लाह स. से सवाल किया कि क्या आले मुहम्मद के महदी हम में से हैं या हमारे अलावा है? हज़रत ने फ़रमाया: ऐसा नही है, बल्कि ख़ुदावन्दे आलम हम अहले बैत के सबब दीन इस्लाम को इख़्तेताम तक पहुँचायेगा जिस तरह उसने हमारे ही नबी स.ल. के ज़रिये उसको कामयाब बनाया है और हमारे ही ज़रिये लोग फ़ितने से महफ़ूज़ रहेगें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम ज़माना अ.स. के बारे में रिवायत है बयानउल कंजी में बयानुउल कंजी(शाफ़ेई) में अली बिन जोशब से रिवायत की है अली बिन जोशब बयान करता है अली इब्ने अबी तालिब फ़रमाते हैं कि मैने रसूलल्लाह स. से सवाल किया कि क्या आले मुहम्मद के महदी हम में से हैं या हमारे अलावा हैं?

हज़रत ने फ़रमाया ऐसा नही है, बल्कि ख़ुदावन्दे आलम हम अहले बैत के सबब दीन इस्लाम को इख़्तेताम तक पहुँचायेगा जिस तरह उसने हमारे ही नबी स.ल. के ज़रिये उसको कामयाब बनाया है और हमारे ही ज़रिये लोग फ़ितने से महफ़ूज़ रहेगें। जिस तरह वह शिर्क से महफ़ूज़ रहे और हमारी ही मुहब्बत के सबब अदावत के बाद उनके दिलों में मेल मुहब्बत और भाईचारगी पैदा कर देगा। जिस तरह वह शिर्क की अदावत के बाद एक दूसरे के भाई क़रार पाये।

मुन्तख़ब कन्ज़ुल उम्माल:रसूलल्लाह (स.) ने फ़रमाया: अगर दुनिया में सिर्फ़ एक रोज़ बाक़ी रह जायेगा तो ख़ुदा वंदे आलम उस रोज़ को इतना तूलानी कर देगा कि मेरे अहले बैत से एक शख़्स क़ुस्तुन्तुन्या और दैलम के पहाड़ों का हाकिम क़रार पायेगा।

हाफ़िज़ अलक़न्दुज़ी अलहनफ़ी अबू सईद ख़िदरी से बतौरे मरफ़ूअ रिवायत करते हैं, हुज़ूर (स.) में फ़रमाया: महदी हम अहले बैत में से हैं और बलंद सर का हामिल है।  वह  ज़मीन को अदल व इंसाफ़ से इस तरह भर देगा, जिस तरह वह पहले ज़ुल्म व जौर से भरी होगी।

अलफ़ुसूलुल मुहिम्मा अल्लामा मालिकी बिन सबाग़ में अबू दाऊद और तिरमीज़ी अपनी सुनन में अब्दुल्लाह बिन मसऊद से (बतौरे मरफ़ूअ) रिवायत करते हैं कि अब्दुल्लाह बिन मसऊद बयान करते हैं कि रसूलल्लाह (स.) ने फ़रमाया: अगर दुनिया से एक रोज़ भी बाक़ी रह जायेगा तो ख़ुदावन्दे आलम उस रोज़ को इतना तूलानी कर देगा कि मेरे अहले बैत से एक शख़्स ज़ाहिर होगा, जिसका नाम मेरे नाम पर होगा। जो ज़मीन को अदल व इंसाफ़ से इस तरह से भर देगा जिस तरह वह ज़ुल्म व जौर से भर चुकी होगी।

अलकंजी (शाफ़ेई) अबूसईद ख़िदरी से रिवायत करते हैं कि रसूलल्लाह अ.स. ने फ़रमाया: आख़री ज़माने में फ़ितनों का ज़हूर होगा जिसके दरमियान महदी अ.स.नामी एक शख़्स ज़ाहिर होगा जिसकी अता व बख़्शिश मुबारक होगी।

यनाबी उल मवद्दत में इब्ने अब्बास से रिवायत की गई है कि  इब्ने अब्बास बयान करते हैं कि रसूलल्लाह (स.) ने फ़रमाया:  इस दीन की कामयाबी अली (अ.) से हुई। अली (अ.) की शहादत के बाद दीन में फ़साद बरपा होगा, जिसकी इस्लाह फ़क़त महदी अ.स.के ज़रिये होगी।

यनाबी उल मवद्दत में अली इब्ने अबी तालिब से रिवायत की गई है कि हज़रत ने फ़रमाया: दुनिया ख़त्म न होगी यहा तक कि मेरी उम्मत से एक शख़्स हुसैन अ.स. के फ़रज़न्द से ज़ाहिर होगा और ज़मीन को अदल व इंसाफ़ से भर देगा जिस तरह वह ज़ुल्म व जौर से भर चुकी होगी।

एक रिवायत में दैलम के पहाड़ से मुराद वह मक़ाम है जहाँ पर रसूलल्लाह स.स.व.के ज़माने में यहूदीयों का मर्कज़ था और कुस्तुन्तुनया नसारा का मर्कज़ था और बमुल्के जबलुद दैलम व कुस्तुन्तुनया से इमाम मेहदी अ.स. का तमाम दुनिया और दीगर मज़ाहिब पर कामयाबी मुराद है।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .