۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह (स) ने एक रिवायत में कर्ज़ अल-हसना की अहमियत को बयान फ़रमाया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार"पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال رسول اللہ صلی الله علیه و آله و سلم

اَلْفُ دِرْهَمٍ اُقْرِضُها مَرَّتَیْنِ اَحَبُّ اِلَیَّ مِنْ اَنْ اَتَصَدَّقَ بِها مَرَّةً

हज़रत रसूल अल्लाह (सः) ने फ़रमाया:

मै अगर हज़ार दिरहम दो बार कर्ज़ के तौर पर दूं। तो यह चीज़ मुझे एक मर्तबा सदका के तौर पर देने से कहीं ज़्यादा पसंद हैं।

बिहारूल अनवार, भाग 103, पेज 139

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