हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیر المؤمنين عليه السلام
ان انفاسك أجزاء عمرك فلا تفنها الا فی طاعة تزلفك.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
ए इंफास तेरी उम्र के अज्ज़ा हैं इसलिए इन्हें सेवाएं राहे अताअत के कि जो तुम्हें खुदा के नज़दीक करें, फना ना करो।
गेरारूल हिकम,पेज 3430