۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
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हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह मोहम्मद फ़ाज़िल लंकरानी ने आयतुल्लाह ख़ामेनेई की लीडरशिप की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के आधार स्तंभों को मुजाहेदीन की क़ुर्बानियों, शहीदों के पाक लहू और लोगों की मैदान में उपस्थिति के बिना हासिल नहीं किया जा सकता था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जामिया अलमुदर्रिसीन क़ुम के मेंबर आयतुल्लाह मोहम्मद फ़ाज़िल लंकरानी ने कहा कि ईरान का इस्लामी इंक़ेलाब दूसरी अन्य घटनाओं की तरह नहीं थी कि जो गुज़रते वक़्त के साथ भुला दी जाए बल्कि सबूत बताते हैं कि इस्लामी क्रांति मानवता के लिए अल्लाह का एक विशेष उपहार थी जो ईरान में हुई।

इस क्रांति ने पहले देश में बाहरी और अन्य शक्तियों के हस्तक्षेप को कम किया और आज ईरान राजनैतिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति ने पूरी दुनिया में एक सामान्य जागरूकता और बेदारी फैला दी है।

आयतुल्लाह फ़ाज़िल लंकारानी ने कहा कि आज हम इस्राईल का पतन और अमेरिका की महाशक्ति को पतन की ओर जाते देख रहे हैं, और विश्व समुदाय इन घटनाओं से अनभिज्ञ नहीं रह सकता।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई की लीडरशिप की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के आधार स्तंभों को मुजाहेदीन की क़ुर्बानियों, शहीदों के पाक लहू और लोगों की मैदान में उपस्थिति के बिना हासिल नहीं किया जा सकता था।

आयतुल्लाह फ़ाज़िल लंकारानी ने कहा कि अल्लाह उस वक़्त तक किसी भी क़ौम की हालत नहीं बदलता जब तक वह खुद अपनी हालत बदलने के लिए कोई अमली और क़दम न उठाए।

यह अल्लाह की सुन्नत है कि सामाजिक नियति का परिवर्तन इंसान के अपने हाथों से होता है, और इसलिए, यदि हम एक नेक और ईमानदार सरकार की तलाश करते हैं, तो अल्लाह भी हमें वैसा ही फल देगा। उन्होंने कहा कि यह इस्लामी क्रांति एक नेमत है जिसे हिफाज़त से आने वाली नस्लों के सुपुर्द करना है।

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