बुधवार 7 अगस्त 2024 - 13:18
अज़ादारी और दूसरे मज़हबी कामों में रियाकारी करना?

हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम शीराज़ी से फिक्ही सवाल और उसके जवाब

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम शीराज़ी से फिक्ही सवाल और उसके जवाब:

सवाल: क्या शायरे इलाही (मज़हबी प्रोग्राम) के बरपा करने और हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी करने में रियाकारी करना जायज़ है?

जवाब: रियाकारी (दिखावा)हर इबादत में हराम हैं, अलबत्ता हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी और शायरे इलाही में कस्द कुर्बत की नियत के साथ तज़ाहुर करना जयाज़ बल्की बेहतर हैं, जैसे दिखाकर सदका देना ताकि दूसरे लोग भी शौक पैदा हो जैसा कि कुरआन मजीद में भी आया है मुस्ताहब हैं।

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