हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी से शरई सवाल पूछा कि ऐसे कौन से अवसर हैं जिनमें अम्र बिल-मारूफ और नहीं अनिल-मुनकर के लिए हाकिमे शरआ की अनुमति आवश्यक है और कोई व्यक्ति स्वयं कार्रवाई नहीं कर सकता?
प्रश्न: ऐसे कौन से अवसर हैं जिनमें अम्र बिल-मारूफ और नहीं अनिल-मुनकर के लिए हाकिमे शरअ की अनुमति आवश्यक है और कोई व्यक्ति स्वयं कार्रवाई नहीं कर सकता?
उत्तर: यदि अम्र बिल-मारूफ और नहीं अनिल-मुनकर के दौरान ऐसी स्थिति हो जहां शारीरिक दंड देने, किसी को पीटने, या किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या अधिक गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता हो, तो ऐसी स्थिति में हाकिमे शरआ की अनुमति के बिना कोई भी ये कार्य नहीं कर सकता। ऐसे मामलों में, वास्तविक कार्रवाई, इसकी विधि और इसकी सीमा इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार सत्तारूढ़ शरिया की देखरेख में निर्धारित की जानी चाहिए।