۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सच्चे और कामिल ईमान की खुसूसियत बयान फरमाई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیر المؤمنين عليه السلام

لا يَصْدُقُ إيمانُ عبدٍ حتّى يَكونَ بما في يَدِ اللّه ِ سبحانه أوْثَقَ مِنه بما في يَدِهِ

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

किसी व्यक्ति का ईमान उस समय तक सच्चा और कामिल नहीं होता जब तक कि उसका इत्मीनान अपने से ज़्यादा उस पर न हो जो ख़ुदा के पास है।

बिहारूल अनवार,103/37/79

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