हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "हयात अल-इमाम अल-हादी" पुस्तक से लिया गया है। इस हदीस का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الہادی علیه السلام:
إِنَّ مِنَ الْعِزَّةِ بِاللَّهِ أَنْ يَصْبِرَ الْعَبْدُ عَلَى الْمَعْصِيَةِ، وَ يَتَمَنَّى عَلَى اللَّهِ الْمَغْفِرَةَ
हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
परमेश्वर के प्रति सेवक के अहंकार का एक लक्षण यह है कि वह पाप और अधर्म पर जोर देता है और चाहता है कि परमेश्वर उसे क्षमा कर दे।
हयात अल-इमाम अल-हादी, पेज 164