۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / संसार या प्रकृति का जगत चेतना को धारण करता है। प्रकृति या आलमे माद्दा अल्लाह तआला की मारफत रखता है उसके दिव्यता के स्थान से अवगत है।

हौजा न्यूज एजेंसी

तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
ثُمَّ قَسَتْ قُلُوبُكُم مِّن بَعْدِ ذَٰلِكَ فَهِيَ كَالْحِجَارَةِ أَوْ أَشَدُّ قَسْوَةً ۚ وَإِنَّ مِنَ الْحِجَارَةِ لَمَا يَتَفَجَّرُ مِنْهُ الْأَنْهَارُ ۚ وَإِنَّ مِنْهَا لَمَا يَشَّقَّقُ فَيَخْرُجُ مِنْهُ الْمَاءُ ۚ وَإِنَّ مِنْهَا لَمَا يَهْبِطُ مِنْ خَشْيَةِ اللَّهِ ۗ وَمَا اللَّهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُونَ सुम्मा क़सत क़ुलूबोकुम मिन बादे ज़ालेका फ़हेया कल हिजारते लेमा यताफ़ज्जरो मिन्हुल अन्हारा वा इन्ना मिन्हा लम्मा यश्शक़्क़्को फ़यखरोजो मिन्हुल माआ वा इन्ना मिन्हा लम्मा यहबेतो मिनल ख़श्यतिल्लाहे वमल्लाहो बेग़फ़ेलिन अम्मा ताअलमून (बकरा 74)

अनुवाद: (ऐ बनी इस्राईल) फिर उसके बाद तुम्हारे दिल पत्थर जैसे सख्त हो गए, बल्कि और भी सख्त हो गए, क्योंकि कुछ पत्थर ऐसे भी हैं जिनसे नहरें निकलती हैं। और कुछ ऐसे होते हैं जो फट जाते हैं और उनमें से पानी निकल आता है। और कुछ ऐसे हैं जो परमेश्वर के भय से गिर जाते हैं। और जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उससे बेख़बर नहीं।

📕 कु़रआन की तफ़सीर 📕

1️⃣    दिव्य रहस्योद्घाटन और कई चमत्कार देखने के बावजूद, बनी इस्राएल के दिल कठोर हो गए और वे दिव्य रहस्योद्घाटन और शिक्षाओं को समझने में असमर्थ थे।
2️⃣    इस्त्राएलियोंके मन पत्थर के समान कठोर और अभेद्य हो गए, परन्तु उस से भी अधिक कठोर हो गए।
3️⃣    इस्राएलियों का दिल टूटना उनकी हठ, बहानों और अवज्ञा का परिणाम था।
4️⃣    बनी इस्राएल के मन की कठोरता के कारण वे रत्ती भर भी ज्ञान से वंचित रहे।
5️⃣    परमेश्वर के भय से पत्थरों का गिरना इस बात का प्रमाण है कि इस्राएलियों का मन पत्थरों से भी अधिक कठोर है।
6️⃣    आलमे माद्दा या प्रकृति की दुनिया में चेतना है।
7️⃣    प्रकृति या आलमे माद्दा अल्लाह तआला की मारफत रखता है और वह अपनी दिव्यता की स्थिति से अवगत है।
8️⃣    जमादत से निचली अवस्था में इंसान के गिरने और सड़ने का खतरा रहता है।
9️⃣    मनुष्य का हृदय और आत्मा परमेश्वर के भय से काँप उठे और उसकी राह पर चले।
🔟 यदि ह्रदय अच्छाई और आशीर्वाद के आभास का केंद्र है और ज्ञान और बुद्धि का स्रोत है, तो यह इस बात का प्रमाण है कि हृदय कठोरता, द्वेष और द्वेष से मुक्त है।


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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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