मंगलवार 4 फ़रवरी 2025 - 04:42
पाप करने से भी बड़ा पाप

हौज़ा/इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में एक ऐसा अमल बताया है। जिसकी सज़ा पाप से भी बड़ी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "कश्फ़ उल-ग़ुम्मा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام السجاد علیه السلام:

اِيـّاكَ وَالإبْتـِهاجَ بالِذَّنْبِ، فاِنَّ الإبْتِهاجَ بِهِ اَعْظَمُ مِنْ ركُوُبِهِ

इमाम सज्जाद (अ) ने फ़रमाया:

सावधान! अपने द्वारा किये गये पाप पर कभी भी प्रसन्न मत हो, क्योंकि पाप पर प्रसन्न होना, पाप करने से भी बड़ा पाप है।

कश्फ़ उल-ग़ुम्मा, भाग 2, पेज 108

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