हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام المجتبی علیه السلام
تُجهَلُ النِّعَمُ ما أقامَت، فإذا وَلَّت عُرِفَ
इमाम हसन मुज्तबा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जब तक नेमतें मौजूद होती हैं, उनकी कद्र नहीं होती (उनकी अहमियत का एहसास नहीं होता), और जब वे छिन जाती हैं, तब उनकी कद्र का पता चलता है।
बिहारूल अनवार,78/112/115
आपकी टिप्पणी