रविवार 13 अप्रैल 2025 - 15:23
दीनी विद्यार्थी सांस्कृतिक मोर्चे के रक्षक हैंः हुज्जतुल इस्लाम सलीम इब्राहीमी

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम इब्राहीमी ने कहा, आज दुश्मन सांस्कृतिक, धार्मिक विश्वासों और मीडिया के ज़रिए इस्लामी गणराज्य के ख़िलाफ़ एक बड़े हमले की बाढ़ ले आए हैं और लोगों के धार्मिक विश्वासों को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहा हैं इसलिए ऐसे हालात में एक तलबा सिर्फ़ एक दीनी तालीम लेने वाला नहीं है, बल्कि वह हज़रत वली-ए-असर (अ.ज) की फ़ौज में एक सांस्कृतिक मोर्चे का पहरेदार है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम सलीम इब्राहीमी जो कि हौज़ा ए इल्मिया हज़रत वलीअसर (अज), ज़िला मेहरान के प्रमुख हैं, उन्होंने खबरगुज़ारी हौज़ा के संवाददाता से बात करते हुए, सूरा तौबा की आयत नंबर 122
لَوْلَا نَفَرَ مِنْ كُلِّ فِرْقَةٍ مِّنْهُمْ طَائِفَةٌ لِّيَتَفَقَّهُوا فِي الدِّينِ..."
का हवाला देते हुए कहा,यह आयत हमें यह समझाती है कि दीन (धर्म) में गहरी समझ (तफ़क्कुह) हासिल करना एक सामाजिक और ईश्वरीय ज़िम्मेदारी है समाज के एक वर्ग को दीन के ज्ञान में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए ताकि वे समाज का मार्गदर्शन कर सकें।

उन्होंने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान के दुश्मनों ने आज के दौर में भारी सांस्कृतिक, धार्मिक और मीडिया आधारित हमले शुरू किए हैं जिनका मक़सद जनता के धार्मिक विश्वासों को कमज़ोर करना है। ऐसे हालात में एक तलबा (दीन का छात्र) सिर्फ़ एक विद्यार्थी नहीं है, बल्कि वह हज़रत वलीअसर (अज) की फ़ौज का एक सच्चा सिपाही है, जो सांस्कृतिक मोर्चे का रक्षक है।

उन्होंने इमाम जाफ़र सादिक अ.स की हदीस का हवाला दिया,
"إذا أراد الله بعبدٍ خیراً فقّهه فی الدین"
अगर अल्लाह किसी के लिए भलाई चाहता है तो उसे दीन की समझ अता करता हैयह हदीस तालिबे-इल्म की ऊंची हैसियत को दिखाती है।

हौज़ा प्रमुख ने कहा कि कुछ युवा तालिबे-इल्म बनना चाहते हैं लेकिन भविष्य की नौकरी या सामाजिक दर्जे को लेकर चिंतित रहते हैं। यह चिंता स्वाभाविक है, लेकिन यह समझना चाहिए कि (दीन की तालीम लेना) कोई नौकरी नहीं, बल्कि एक ईश्वरीय रास्ता है। फिर भी मौजूदा दौर में हौज़ा का ढांचा बहुत मज़बूत हुआ है और तलबा के लिए अच्छी सुविधाएं और सहयोग मुहैया कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि हौज़ा ए इल्मिया एक ऐसी रौशन जगह है जहाँ तलबा को वैज्ञानिक, नैतिक और रूहानी तरक़्क़ी करने का मौक़ा मिलता है।

अंत में उन्होंने कहा, जो लोग इसमें रुचि रखते हैं वे हौज़ा की आधिकारिक वेबसाइट या हज़रत वलीअसर (अज) हौज़ा, ज़िला मेहरान से संपर्क कर पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha