सोमवार 28 अप्रैल 2025 - 12:17
आयतुल्लाह बहजत;सलवात से कभी ग़ाफ़िल न हों

हौज़ा / आयतुल्लाह बहजत रहमतुल्लाह अलैह "सलवात" को अल्लाह तआला की प्रेमभावना में वृद्धि का सबसे बेहतरीन मार्ग बताते हैं वे सलाह देते हैं कि आशिक़ाना दिल से सलवात पढ़ते रहें, ताकि आप अपने हृदय में खुदा की मोहब्बत के बढ़ते प्रभाव को स्वयं महसूस कर सकें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,आयतुल्लाह बहजत रहमतुल्लाह अलैह सलवात को ईश्वर की प्रेमभावना में वृद्धि का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम बताते थे। वे लोगों को यह सलाह देते थे कि वे पूरे प्रेम और अनुराग के साथ सलवात पढ़ें ताकि अपने दिल में खुदा की मोहब्बत के बढ़ते हुए जज़्बे को स्वयं महसूस कर सकें।

आयतुल्लाह बहजत र.ह. ने फ़रमाया,अगर कोई चाहता है कि उसके दिल में दोस्ती और मोहब्बत बढ़े, तो याद रखें कि ईश्वर के स्मरण (अज़कार) और आदाब (आचार-विधि) में सलवात से आसान और कोई साधन नहीं है।

ज़रूरी है कि इंसान दिल से, प्रेमपूर्वक सलवात भेजे; तभी वह खुद अनुभव करेगा कि उसके भीतर ईश्वर की प्रेम-भावना कैसे बढ़ती चली जाती है।लेकिन इस राह में एक शर्त भी है यह विश्वास और समझ कि सलवात उसे उसके आराध्य और प्रिय प्रभु की ओर खींचती है।

स्रोत: बहजत अल-दुआ, पृष्ठ 357

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