हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस रिवायत को “नहजुल बलाग़ा” पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال امیرالمؤمنین علی علیهالسلام:
لا تُحَدِّثِ النَّاسَ بِكُلِّ مَا سَمِعتَ بِهِ، فَكَفَى بِذلِكَ كَذِبًا
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:
जो कुछ भी आप सुनते हैं, उसे लोगों को न बताएं, क्योंकि झूठा कहलाने के लिए यही काफी है।
नहजुल बलाग़ा, पत्र 69
आपकी टिप्पणी