मंगलवार 11 नवंबर 2025 - 05:50
क़ुरआन से परिचित होने के आध्यात्मिक प्रभाव

हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस सलाम) ने इस रिवायत में क़ुरआन से परिचित होने के आध्यात्मिक प्रभावों पर प्रकाश डाला है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنين عليه السلام:

ما جالَسَ هذَا القُرآنَ أَحَدٌ إِلّا قامَ عَنهُ بِزِیادَةٍ أَو نُقصانٍ؛ زِیادَةٍ فِی هُدًی أَو نُقصانٍ مِن عَمًی

अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस सलाम) ने फ़रमाया:

जो कोई इस क़ुरआन से परिचित हो जाता है, उसे एक चीज़ दी जाएगी और एक चीज़ उससे छीन ली जाएगी:

उसे मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा और उसके हृदय का अंधापन उससे दूर कर दिया जाएगा।

नहजुल बलाग़ा, खुत्बा संख्या 176

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