हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह जवादी आमुली ने इस्राइल के अत्याचारों पर जारी अपने एक संदेश में कहा,इस्लामी देशों के नेताओं को अगर आज सियोनी हमलावरों के ख़िलाफ़ इस आंदोलन की मदद नहीं करनी, तो यक़ीन रखें कि कल वे खुद भी इसी ज़ालिम सरकार के शिकंजे में होंगे।
इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आज की बेहिसी कल उन्हें सुरक्षित रखेगी।
इस्राइल सिर्फ़ फिलिस्तीन का नहीं, बल्कि पूरे इस्लाम का दुश्मन है!
आज की ख़ामोशी कल की आग है...!
आज की जंग सियोनियों के लिए बचाव की जंग है, यह सिर्फ़ ज़मीन का मसला नहीं बल्कि उनकी पूरी पहचान का ध्वंस है!
शहादत हमारे लिए ग़म का सबब नहीं, बल्कि रूह और रेहान की शुरुआत है।
आज की ख़ामोशी ख़ियानत और ग़द्दारी है।
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