हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को "वाफ़ियातुल आइम्मा" नामक पुस्तक से बयान किया जा रहा है।
इस कथन (रिवायत) का पाठ इस प्रकार हैः
پیامبر صلی الله علیه و آله
مَن بَکی عَلی مُصابِ هذِهِ البِنتِ (زَینَبَ بَنتِ عَلِیٍ علیهماالسلام) کانَ کَمَن بَکی عَلی أخَوَیهَا الحَسَنِ و الحُسَینِ علیهماالسلام.
प्याम्बर सल लल्लाहो अलैहे वा आलेह
मन बका अला मुसाबे हाज़ेहिल बिन्ते (ज़ैनबा बिन्ते अलियिन अलैहेमस्सलाम) काना कमन बका अला अख़ावैय्हल हसने वल हुसैने अलैहेमस्सलाम
रसूल अल्लाह (स.अ.व.व.) ने फरमाया:
जो इस बच्ची ज़ैनब बिनते अली (अ.स.) के दुख: पर रोए, वह उस शख्स की तरह है जिसने आपके भाइयों इमाम हसन और इमाम हुसैन (अ.स.) पर रोया हो।
वाफ़ियातुल आइम्मा पेंज 431