सोमवार 1 मार्च 2021 - 22:39
हुसैनी मिम्बर अहलेबैत (अ.स.) के संदेशो के प्रसारण से मख्सूस  है,  मौलाना सैय्यद सैफी हैदर जै़दी

हौज़ा / इमामबारगाह मासूमीन (अ.स.) के आदेशों को पूरा करने की  एक जगह है। यहां लोग सीरत-ए-अहलेबैत (अ.स.) से आशाना हो। इमामबारगाह का उद्देश्य अहलेबैत (अ.स.) की शिक्षाओं को जिंदा करना है। इसी प्रकार मिम्बर का मकसद भी  इन्हीं संदेशों को बयान करना है। यदि मिम्बर से इन से हटकर बाते हो लोगो की नीजि बाते सम्मिलित हो जाए तो यह देखने मे तो मिम्बर होगा लेकिन इमाम सज्जाद (अ.स.) की दृष्ठि से यह लकड़ी का ढेर होगा। 

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात कनोदर में हज़रत इमाम अली (अ.स.)के जन्मदिन के अवसर पर महफिल-ए- मक़ासेदा और नवनिर्मित इमामबारगाह बाग़े ज़हरा का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। 

तनज़ीमुल मकातिब के सचिव और प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी ने नवनिर्मित इमामबारगाह का उद्घाटन किया। जिसके बाद उनकी अध्यक्षता में जश्न शुरू हुआ।

हुसैनी मिम्बर अहलेबैत (अ.स.) के संदेशो के प्रसारण से मख्सूस  है,  मौलाना सैय्यद सैफी हैदर जै़दी

उन्होने जश्न मे उपस्थित श्रृद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य कमाल पसंद है। इसलिए अल्लाह ने हदियान-ए- दीन को पूर्णरूप से सुशोभित किया ताकि लोग उनकी ओर आकर्षित हों, उनसे प्यार करें, अनुसरण आज्ञाकारिता का कारण है, अनुसरण आज्ञाकारिता का आधार है और आज्ञाकारिता से ही पालन संभव है और यही मनुष्य का लक्ष्य है।

हुसैनी मिम्बर अहलेबैत (अ.स.) के संदेशो के प्रसारण से मख्सूस  है,  मौलाना सैय्यद सैफी हैदर जै़दी

हुसैनी मिम्बर अहलेबैत (अ.स.) के संदेशो के प्रसारण से मख्सूस  है,  मौलाना सैय्यद सैफी हैदर जै़दी

मौलाना सैय्यद सफी हैदर जैदी  ने इमामबारगाह का उद्घाटन करते हुए  कहा कि इमामबारगाह मासूमीन अलैहिमुस्सलाम के आदेश को पूरा करने के लिए एक बेहतरीन जगह है।  यहां लोग आऐं बैठे, सीरत-ए- अहलेबैत (अ.स.) और उनके गुणो एंव विशेषताओ से अवगत हो और साथ -साथ अहलेबैत (अ.स.) के संदेश बयान किए जाएं।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha