۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
2 रमजान

हौज़ा /इस्लामी कैलेंडर: 2 रमजानुल मुबारक 1442

हौज़ा न्यूज एजेंसी

आज:
Thursday 15 April 2021
गुरुवार: 2 रमजानुल मुबारक 1442


इतरे कुरआन:

 بسم الله الرحـــمن الرحــــیم
وَلَا تُؤْمِنُوا إِلَّا لِمَن تَبِعَ دِينَكُمْ قُلْ إِنَّ الْهُدَىٰ هُدَى اللَّهِ أَن يُؤْتَىٰ أَحَدٌ مِّثْلَ مَا أُوتِيتُمْ أَوْ يُحَاجُّوكُمْ عِندَ رَبِّكُمْ ۗ قُلْ إِنَّ الْفَضْلَ بِيَدِ اللَّهِ يُؤْتِيهِ مَن يَشَاءُ ۗ وَاللَّهُ وَاسِعٌ عَلِيمٌ ‎﴿آل عمران، 73﴾‏

अनुवाद: सावधान! केवल उन लोगों की बात माने जो आपके धर्म का पालन करते हैं। कह दो: सच्चा मार्गदर्शन अल्लाह का मार्गदर्शन है (और यही उसका धर्म है) कि किसी को वैसी ही चीज मिल जाए जो आपको दी गई थी। या कि वे तर्क में अपने भगवान की उपस्थिति में आपके खिलाफ प्रबल हो सकते हैं। कह दो: अल्लाह के हाथ में अनुग्रह और इनाम है; वह सर्वज्ञ है।


तफसीरे कुरआनः
1- यहूदी विद्वानों ने अपने अनुयायियों को चेताया कि अपने समकक्ष के अलावा किसी पर विश्वास न करे।
2- इस्लाम के खिलाफ की जाने वाली साजिश पर यहूदी विद्वानों की चिंता।
3- यहूदी विद्वानों की अपने अनुयायियों के इस्लाम में धर्मांतरण के बारे में से चिंतित।
4- यहूदियों में श्रेष्ठता की भावना और उनके धर्म के खिलाफ अनुचित पूर्वाग्रह।
5- अल्लाह तआला द्वारा मुसलमानों के खिलाफ यहूदी षड्यंत्र का खुलासा।
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             तफ़सीर रहमाना, सूरह आले-इमरान
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इतरे हदीस:


اِنَّما اُمِرُوا بِالصَّوْمِ لِكَىْ يَعْرِفُوا أَلَمَ الْجُوْعِ وَ الْعَطَشِ فَيَسْـتَدِلُّوا عَلى فَقْرِ اْلاْخِـرَةِ  

इमाम अली रज़ा (अ.स.) फरमाते है: रोज़ा रखने का हुक्म इसलिए दिया गया है ताकि भूख और प्यास के दर्द को समझ सके और उसके माध्यम से पुनरुत्थान (क़यामत) के दिन की आवश्यकता को भी समझ सके। 

एलालुश्शराय, पेज 10

आज का दिन विशिष्ठ (मख़सूस) है: 
हज़रत हसन बिन अली अल-असकरी (अ.स.)


 आज के अज़कारः
- ला इलाहा इल लल्लाहुल मलेकुल हक़्क़ुल मुबीन  (100 बार)
- या ग़फ़ूरो या रहीमो (1000 बार)
- या रज़्ज़ाको (308 बार) रोजी मे बरकत के लिए


आने वाली मुनासबतेः

* 8 दिन बाद हज़रत ख़दीजातुल कुबरा की वफात 
* 13 दिन बाद इमाम हसन मुज्तबा (अ.स.) का जन्म दिन
* 16 दिन बाद पहली शबे क़द्र 
* 17 दिन बाद इमाम अली (अ.स.) की जरबत का दिन
* 18 दिन बाद दूसरी शबे क़द्र 

अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मदिव वा आले मोहम्मद वा अज्जिल फराजाहुम
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