हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "काफ़ी" पुस्तक से ली गी है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم:
لكُلِّ شَيْءٍ وَجْهٌ وَ وَجْهُ دِينِكُمُ الصّلَاةُ فَلَا يَشِينَنَّ أَحَدُكُمْ وَجْهَ دِينِهِ
पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) ने फ़रमाया:
हर चीज का एक चेहरा होता है और आपके धर्म का चेहरा नमाज़ है। धर्म के इस चेहरे को कुरूप और बदसूरत बनाने का अधिकार किसी को नहीं है।
काफी, खंड 3, पृष्ठ 264