हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मौलाना शहान हैदर खांन सहाब ने मजलिस को खिताब करते हुए इस हदीस की वज़ाहत की
اِنَّ الْحُسین مِصباحُ الْهُدی وَ سَفینَهُ الْنِّجاة
बेशक हुसैन अलैहिस्सलाम हिदायत के चिराग है और कश्तीये निजात हैं।
इंसान अगर अंधेरे से निजात चाहता है, तो उसको एक ऐसे चिराग की तलाश होती है जो उसकी हिदायत करें और उसको अंधेरे से निजात दिलाए
ताकि इंसान अपनी मंजिल पा सके और सही रास्ता तय कर सके और सही रास्ता और सही मंजिल इंसान जिंदगी भर तलाश करता रहे नहीं पा सकता जब तक उसके हाथ में दामने अहलेबैत अ.स. ना हो,
मौलाना ने फरमाया इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती में फर्क है,
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती एक बार चली थी जो उस वक्त सवार हो गया उसको निजात मिल गई, मगर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की कश्ती कियामत तक जारी हैं और जारी रहेगी जो जब भी इस कश्ती पर सवार हो गया उसको निजात मिल जाएगी,
मौलाना ने फरमाया, हुर इतना गुनहगार होने के बावजूद भी इमाम की खिदमत में गया अपने गुनाहों का इकरार करते हुए इमाम से माफी मांगा,कश्तीये हुसैन पर सवार हो गया हुसैन ने उसको वह इम्तियाज बख्श कि अलैहिस्सलाम हो गए
![इमाम हुसैन अ.स.निजात की कश्ती और हिदायत के चिराग है,मौलाना शाहान हैदर खांन कुम्मी इमाम हुसैन अ.स.निजात की कश्ती और हिदायत के चिराग है,मौलाना शाहान हैदर खांन कुम्मी](https://media.hawzahnews.com/d/2021/08/12/4/1192440.jpg)
हौज़ा/ इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ात कल भी और कियामत तक के लिए निजात की कश्ती और हिदायत के चिराग है, इस कश्ती का दवाम कियामत तक बाकी रहेगा.
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