हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.कि वफात और हज़रत इमाम हसन अ.स.कि शहादत की मुनासिबत से काबुल के
मरकज़े फिक़ही अइम्मा अ.स. में एक मजलिस का आयोजन किया गया,
इस मजलिस को ज़ाकिर ने हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की जिंदगी और विभिन्न रूप से उनके अख्लाक का बयान करते हुए कहा कि रिसालत पूरी दुनिया के लिए है और आपकी जिंदगी आलमें इंसानियत के लिए हिदायत का रास्ता है।
यह बयान करते हुए कहना चाहता हूं कि तालिबान की हुकूमत आने के बाद मरकज़े फिक़ही अइम्मा अ.स. में दूसरी मजलिस का आयोजन किया गया है।

हौज़ा/ मौलाना खिताब करते हुए फरमाये, हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व कि रिसालत पूरी दुनिया के लिए है और आपकी जिंदगी आलमें इंसानियत के लिए हिदायत का रास्ता है।
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अहलेबैत अ.स. से मोहब्बत ज़बानी दावे काफी नहीं है। मौलाना असगर एजाज़ कायेमी
हौज़ा/निजात के लिए कश्ती पर सवार होना ज़रूरी है, किनारे पर खड़े होकर कश्ती की खूबसूरती की तारीफ करने से निजात नहीं मिल सकती
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अकीदे की तब्दीली का नाम इत्तेहाद नहीं,मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर जै़दी
हौज़ा/इत्तेहाद बैनुल मुस्लिमीन का मतलब यह नहीं है कि हम अपने अकीदे को बदल दें, बल्कि समानताओं पर चर्चा करें और विभाजनकारी मुद्दों से बचें।
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इताअते ख़ुदा नहीं तो हर काम बेकार है, मौलाना शेख़ रेहान हैदर कुम्मी
हौज़ा/ अल्लाह तआला ने जिन्नातो इंसान को पैदा किया है अपनी अताअत के लिए अगर जिंन्नात इंसान हर काम करें इताअते खुदा छोड़कर तो वह अस्वीकार हैं।
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जिस्म और दीन की सलामती की हिफाज़त वाजिब है, हुज्जतुल इस्लाम फरहज़ाद
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लिमिन हबीबुल्लाह फरहजाद ने कहा: धर्म की रक्षा के लिए शहीदों के लिए अज़दारी करना अनिवार्य है।तमाम मरजय के फतवे के मुताबिक स्वच्छता…
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हज़रत रसूल अल्लाह (स.अ.व.व.) समाज में एकता और एकजुटता का वाहिद मरकज़,मौलाना सैय्यद कमर अब्बास
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की ज़ाते मुकद्देसा से करीबी हासिल करके गुमराहीयों जिहालतों और परेशानियों से छुटकारा पाने का मात्र एक उपाय है।
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हमारे पैगंबर,रसूल और रहबर वही हो सकते हैं जिन्हें अल्लाह ने चुना हो, मौलाना रज़ा हैदर जै़दी
हौज़ा / हमारे पैगंबर,रसूल और रहबर वही हो सकते हैं जिन्हें अल्लाह कि तरफ से च्यनित किया जाए और वह सब प्रकार से इतना पवित्र हो कि कोई उस पर उंगली न उठा सके…
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28सफर कि मुनासिबत से मजलिस मे इस्लामी क्रांति के नेता ने शिरकत कि
हौज़ा/ हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. कि वफात और हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत की मुनासिबत से एक मजलिस का आयोजन किया था,
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हज़रत मोहसिन अलैहिस्सलाम एक ऐसे शहीद है जिनका जन्मदिन नहीं बल्कि शहादत मनाई जाती है, मौलाना नावेद आबदी
हौज़ा/इंसानियत के इतिहास में एक शख्स ऐसा भी है जिसका जन्म दिन नहीं मनाया जाता लेकिन शहीद ज़रूर मनायी जाती है। और इस मज़लूम का नाम हज़रत मोहसिन अ.स.है।
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हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. और हज़रत इमाम जाफर सादिक अ.स.के जन्मदिन के अवसर पर वहदते इस्लामी सम्मेलन के मेहमानों और देश के अधिकारियों को खिताब
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. के जन्मदिन के अवसर पर लोगों की जिंदगी में एक नए दौर की शुरुआत,लोगों के लिए अच्छी खबर है कि खुदा बंदे आलम ने लोगों के लिए…
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मजालिसे हुसैनिया समाज को दीन,और संस्कार व अख्लाक से जोड़े रखती है: हुज्जतुल इस्लाम शेख अली नजफ़ी
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाह उज़सा बशीर नजफ़ी निदेशक केंद्रीय कार्यालय ने कहा कि मजालिसे हुसैनिया समाज को दीन,और संस्कार व अख्लाक से जोड़े रखती है. दुनिया की…
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इमाम मुहम्मद बाकिर (अ.स.) ने कमसीनी के आलम से ही परेशानियों का सामना किया, मौलाना आशिक हुसैन विलायती
हौज़ा/ इमाम वह मज़लूम तरीन हंसती है जिसने तारीख के दो बद किरदार खानदानों के सबसे क्रूर समय में संघर्ष किया। इमाम ने सबसे क्रूर जाति बानू उमय्या और धोखेबाज…
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खुदा जितना बड़ा रुतबा देता है उतनी ही बड़ा इम्तिहान लेता है, अल्लामा अली रज़ा रिज़वी
हौज़ा/ खुदा ने कहा इब्राहिम आपको मैंने खलील बनाया जब इसी बाप ने बेटे के गले पर छुरी रखी तू कहां अब मैंने तुम्हें इमाम बना दिया,
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इमामत और खिलाफत दोनों ही ईलाही मंसब और इंतेखाब है।मौलाना सैय्यद अली हाशिम अबिदी
हौज़ा/ वाक्ये कर्बला के बाद से आज तक यह सवाल होता हुआ आ रहा है की कर्बला में कौन जीता और कौन हारा?आज नजफ से कर्बला तक लोगों का सैलाब बता रहा है कि मज़लूम…
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अलजवाद फाउंडेशन की ओर से अय्यामें फतेमिया कि मजालिस देश विभिन्न इलाकों में आयोजित की गई,
हौज़ा/अलजवाद फाउंडेशन की ओर से अय्यामें फतेमिया कि मजालिस पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धा और सम्मान के साथ भारत के विभिन्न शहरों और प्रांतों में और…
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विलायत, आईम्मा मासूमीन अ.स. के बाद फुकहा को हासिल हैं जिसे वलिये फकीह या रहबरे मुअज़्जम कहते हैं, मौलाना मिक़दाद हैदर रूहानी
हौज़ा/ विलायत ही अमल की जेहत तय करती है विलायक इंसान को मकसद और हदफ देती है, और यह मकसद और हदफ अल्लाह का वली बताइएगा, शरीर और आत्मा दोनों को मार्गदर्शन…
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