हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलमोवायेज़ुल आद्दीया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم
یَا عَلِیُّ! تَمَنَّی جَبْرئِیلُ اَنْ یَکُونَ مِنْ بَنِی آدَمَ بِسَبْعِ خِصَالٍ وَ هِیَ الصَّلَوه فِی الْجَمَاعَه وَ مُجَالَسَتُهُ الْعُلَمَاءَ وَالصُّلْحُ بَیْنَ الاِثْنَیْنِ وَ اِکْرَامُ الْیَتِیمِ وَ عِیَادَة الْمَرِیضِ وَ تَشْیِیعُ الْجَنَازه وَ سَْقیُ الْمَاءِ فِی الْحَجِّ فَاحْرُصْ عَلَی ذَلِکَ؛
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
ऐ अली! हज़रत जिब्राइल ने इंसान कि साथ खुसूसियतों की वजह से ख्वाहिश की है वह भी औलादे आदम अलैहिस्सलाम में से होता,
वह खुसूसियत ऐ हैं।
(1)जमाआत से नमाज़ पढ़ना
( 2)उलिमा से मेलजोल रखना
(3) 2 लोगों के दरमियान सुलह कराना
(4) अनाथ की सेवा करना
(5) बीमारों की देखरेख और हाल-चाल पूछना,
(6) जनाज़े में शिरकत करना
(7) और हज के दौरान पानी पिलाना,
लिहाजा अली इन सब चीज़ों की हमेशा दिल में आरज़ू रहेगी,
अलमोवायेज़ुल आद्दीया,पेंज 195