हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मौलाना अजदार हुसैन अमरोहा के सघरान में इसाल-ए-सवाब की एक मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि मौला अली (अ.स.) ने शहीद होने से पहले अपने बेटों के माध्यम से ईमान वालों को जो वसीयत की थी, उसका सार है इस्लाम है। अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा मानने की सलाह के साथ, उन्होंने कहा कि कभी भी किसी अत्याचारी का समर्थन न करें और उत्पीड़ितों का समर्थन कभी न छोड़ें।
मौलाना आजाद हुसैन ने कहा कि मौलाना अली की इच्छा के अत्याचारी किसी भी राष्ट्र, जनजाति या धर्म का हो उसका समर्थन नहीं करना चाहिए। इसी तरह मजलूम किसी भी राष्ट्र, जनजाति या धर्म का हो उसका समर्थन करना चाहिए।
मौलाना आजाद हुसैन ने कहा कि हमास और फिलिस्तीनी जो सूदखोर इजरायल के खिलाफ लड़ रहे हैं, सुन्नी हैं लेकिन वे मजलूम हैं और वे अत्याचारीयो के खिलाफ लड़ रहे हैं इसलिए ईरान हमास और फिलिस्तीनियों का समर्थन करता है।