۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
अंजुमन

हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी हक़ कि आवाज़ को बुलंद करने वाले थे और वह आय्यामें अज़ा में विशेष रूप से अय्यामें फातेमीया में अपने घर से हज़रत मासूमाये क़ुम की दरगाह तक पैदल जुलूस में जाते थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ईरान में रह रहे छात्र जामिया अमीरुल मोमिनीन अ.स. नजफी हाउस मुंबई की अंजुमने मोहिब्बाने आलेयासीन ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी के निधन पर शोक संदेश जारी किया है।


शोक संदेश इस प्रकार हैः
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाही राजेउन
दु:खद खबर सुनकर बहुत अफसोस हुआ वह मर्दे मुजाहिद हर मैदान का अलमदार था,आसमाने फकाहत का रौशन ऑफतब डूब गया,मराजये तकलीद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी ने अपनी पूरी जिंदगी दीन की खिदमत में गुज़ार दी। किसी भी मैदान में अहले बैत अलैहिस्सलाम की तबलीग़ से पीछे नहीं हटे वह हमेशा सत्य के साथ और सत्य के लिए आवाज़ उठाते रहे।


इस लंबी उम्र के बावजूद भी जब तक बदन में ताकत रही आय्यामें अज़ा में विशेष रूप से अय्यामें फातेमीया में अपने घर से हज़रत मासूमाये क़ुम की दरगाह तक पैदल जुलूस में जाते थे।
हम इस बड़ी मुसीबत पर हज़रत इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम और ओलेमा इकराम ,मराजा ए तकलीद, और परिवार के प्रति शोक व्यक्त करते हैं।


और अल्लाह तआला से दुआ करते हैं,परिवार वालों को सब्र अता करें,और मरहूम के दरजात को बुलंद फरमाएं और जवारे अहलेबैत अलैहिस्सलाम में जगह अता करें! आमीन
अंजुमन मोहिब्बाने आलेयासीन अ.स.
स्टूडेंट जामिया अमीरुल मोमिनीन अ.स. नजफी हाउस मुंबई

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