۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमामे ज़माना अ.त.फ.श. ने एक रिवायत में लोगों पर अपनी अंतिम हुज्जत को समाप्त किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कमालुद्दीन व तमामुन नेमत" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام المہدی عجل الله تعالی فرجه الشریف

فَاعْلَمْ أنَّهُ لَيْسَ بَيْنَ اللّه ُ عَزَّوَجَلَّ وَ بَيْنَ اَحَدٍ قَرابَةٌ، وَمَنْ أنْكَرَنى فَلَيْسَ مِنّى وَسَبيلُهُ سَبيلَ ابْنِ نُوحٍ


हज़रत इमामे ज़माना अ.त.फ.श. ने फ़रमाया:
जान लो कि अल्लाह तआला और उसके बंदों के बीच कोई रिश्तेदारी नहीं है और जो कोई मुझे अस्वीकार करें! वह मुझसे नहीं है और उसका रास्ता गोया नूह अलैहिस्सलाम के बेटे का रास्ता हैं।
कमालुद्दीन व तमामुन नेमत 2:484

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