हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मौलाना सय्यद राहिब हसन ज़ैदी ने आज तीसरी मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चाहने वाले हैं तो हमको दीन समझना और सीखना चाहिए हमको दीन की कद्र करना चाहिए क्योंकि दीन की कद्र करबला का मक़सद है
और दीन की कद्र बहुत आसान है दीन की कद्र करना है तो हमको पड़ोसियों का खयाल रखना होगा बुज़ुर्गों का एहतेराम करना होगा नमाज़ पढ़ना होगा रोज़ा रखना होगा ज़कात व खुम्स देना होगा और अगर हमने सारे आमाल को अंजाम दिया तो हम हक़ीक़त में हुसैनी हो जाएंगे।
मौलाना ने कहा कि हम अल्लाह से जब भी कोई दुआ करें तो पहले सदका दें क्योंकि सदका हर दुआ को क़ुबूल कराता है और इसी तरह से हम जब भी दुआ के लिए हाथों को उठाएं तो इतमीनान से दुआ मांगे जल्द बाज़ी में दुआ न करें जब हम इतमीनान से दुआ करेंगे तो परवरदिगारे आलम हमारी दुआ को क़ुबूल करेगा।
स्पष्ट रहे इस अशरा ए मजालिस के बाद अज़ाखाने वसीम कैसर मुत्तसिल तनज़ीमुल मकातिब में अशरा मजालिस का सिलसिला शुरू है जिसको मौलाना सय्यद राहिब हसन ज़ैदी खिताब कर रहे हैं जिसका विषय कुरआन की अहमियत और फज़ीलत है।