۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
कजवीन

हौज़ा / क़ज़वीन प्रांत में वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा: ब्याज समाज को विनाश की ओर ले जाता है जबकि ऋण से प्रगति होती है। ये दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमिन अब्दुल-करीम आबेदेनी, क़ज़वीन प्रांत मे कर्ज़ुल हसना मेहेर ईरान बैंक के नए प्रबंधक कावा नाएनी के साथ एक बैठक में कहा: पश्चिमी दृष्टिकोण में आर्थिक क्षेत्र धर्म से कोसों दूर है और पश्चिम सभी मामलों को बाहरी गणनाओं के आधार पर ही देखता है।

उन्होंने कहा: दूसरी ओर, एक धार्मिक दृष्टिकोण है। अल्लाह इस बारे में कहता है: إِنْ تُقْرِضُوا اللَّهَ قَرْضًا حَسَنًا یُضَاعِفْهُ لَکُمْ وَیَغْفِرْ لَکُمْ وَاللَّهُ شَکُورٌ حَلِیم यदि आप अल्लाह को क़र्ज़े हसना दोगे तो वह इसे आपके लिए बढ़ा देगा और आपको क्षमा कर देगा, और अल्लाह आभारी और वह बहुत दयालु है, इसलिए यदि आप भगवान को अच्छे कर्म देते हैं (अर्थात ईश्वर के जरूरतमंदों को) तो वह तुम्हें कई बार पुरस्कृत करेगा और तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।

क़ज़वीन प्रांत में वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा: अल्लाह कहता हैं कि पूरी दुनिया मेरी संपत्ति है, मैं दुनिया का राजा और मालिक हूं, अगर कोई अल्लाह के बंदो को पैसा उधार देता है, तो न केवल उसका पैसा कम नही होगा, बल्कि उसमे वृद्धि होगी।

उन्होने कहा: इसके विपरीत, अल्लाह कहता है, "یَمْحَقُ اللَّهُ الرِّبَا وَیُرْبِی الصَّدَقَاتِ وَاللَّهُ لَا یُحِبُّ کُلَّ کَفَّارٍ أَثِیم अल्लाह ब्याज को ख़त्म कर देता है जबकि खैरो खैरात को अधिक करता है और जितने नाशुकरे और पापी को पसंद नही करता। बस इसका अर्थ है कि अल्लाह सूदखोरी को नष्ट और दान को बढ़ाता हैं।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .