हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने नाख़ून लगाने की कमाई से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अकहाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
प्रश्न: क्या नाख़ून लगाने से होने वाली कमाई जायज़ है?
उत्तर: यदि कृत्रिम नाख़ून निकाले जा सकते हो, तो उन्हें लगाना और उनका मुआवज़ा लेने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन यदि उन्हें हटाना (निकालना) संभव न हो या असहनीय मुशकिल हो, तो नाख़ून लगाना (बिना किसी अपरिहार्य आवश्यकता के) और इसका मुआवजा लेना जायज नहीं है।