۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने शादी मे हक मेहेर का निर्धारण करने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने शादी मे हक मेहेर का निर्धारण करने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।

प्रश्न: स्थायी विवाह (अक़्दे दाएमी) या अस्थायी विवाह (अक़्दे मुवक़्क़त) में जानबूझकर या भूलने की वजह से शादी मे हक मेहेर का उल्लेख न करने का क्या हुक्म है?

उत्तर स्थायी विवाह (अक़्दे दाएमी) मे हक मेहेर का उल्लेख करने की कोई शर्त नहीं है और यदि हक मेहेर निर्धारित नहीं है, तो निकाह सही है, ता हम हमबिस्तरि हुई हो तो औरत मेहेर मिसल की हक़दार होगी। लेकिन अक़्दे मुवक़्क़त मे मेहेर का निर्धारण करना अक़्द के अरकान मे से है, इसलिए इसके बिना अक़्द बातिल है।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .