हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,घमंड, शैतान का हथियार है। ग़ुरूर, मग़रूर होना, शैतान का हथकंडा है।
मग़रूर होने की एक बुनियाद अल्लाह की ओर से होने वाली मेहरबानियां हैं कि जिसके बारे में बहुत सी दुआओं में, यहाँ तक कि क़ुरआन में आया हैः और न ही कोई धोखेबाज़ (शैतान वग़ैरह) तुम्हें अल्लाह के बारे में धोखा दे। (सूरए लुक़मान, आयत-33)। ग़ुरूर-शैतान है-अल्लाह के बारे में धोखा न दे।
अल्लाह के बारे में धोखे का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि इंसान अल्लाह की ओर से पूरी तरह बेफ़िक्र हो जाए, अब वह अपने अमल की ओर से चौकन्ना न रहे, मिसाल के तौर पर कहे (हम तो अहलेबैत के दोस्तों के समूह में, अल्लाह को हमसे कुछ लेना-देना नहीं है) यह अल्लाह के बारे में धोखा है।
सबसे ज़्यादा बदक़िस्मत वह है जो तेरे बारे में धोखा खाए। सहीफ़ए सज्जादिया की दुआ है, जुमे के दिन की दुआ में हैः परवरदिगार, जो शख़्स तेरे बारे में धोखा खाए, उसकी बदक़िस्मती सबसे ज़्यादा है, यह धोखा खाना है, मग़रूर होना यह है।
इमाम ख़ामेनेई,