۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
हदीस

हौज़ा/इस्लाम ने कुछ मौक़ों पर औरत को मर्द पर तरजीह दी है। मिसाल को तौर पर जिस जगह मर्द और औरत माँ-बाप के तौर पर साहेबे औलाद हैं, यह बच्चा हालांकि दोनों की औलाद हैं लेकिन बच्चे पर माँ की ख़िदमत ज़्यादा लाज़िम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,इस्लाम ने कुछ मौक़ों पर औरत को मर्द पर तरजीह दी है। मिसाल को तौर पर जिस जगह मर्द और औरत माँ-बाप के तौर पर साहेबे औलाद हैं, यह बच्चा हालांकि दोनों की औलाद है, लेकिन बच्चे पर माँ की ख़िदमत ज़्यादा लाज़िम है। बच्चे की गर्दन पर माँ का हक़ ज़्यादा है

और माँ के तअल्लुक़ से बच्चे पर ज़िम्मेदारी भी ज़्यादा संगीन है। इस बारे में बहुत सी रिवायतें हैः पैग़म्बरे इस्लाम ने उस शख़्स के जवाब में जिसने पूछा थाः किसके साथ भलाई करूं? फ़रमायाः अपनी माँ के साथ।

दूसरी बार भी यही फ़रमाया, तीसरी बार भी यही फ़रमाया। चौथी बार जब उस शख़्स ने सवाल किया, तो फ़रमायाः अपने बाप के साथ, तो औरत का फ़ैमिली की सतह पर और बच्चों से रिश्ते के लेहाज़ से ज़्यादा हक़ है। अलबत्ता इसकी वजह यह नहीं है कि अल्लाह एक गिरोह को दूसरे पर तरजीह दे। बल्कि इसलिए है कि औरतें ज़्यादा ज़हमतें बर्दाश्त करती हैं।

इमाम ख़ामेनेई,

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