۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / समुदाय एंव समप्रदायो के मतभेदों की नींव को उखाड़ने की जरूरत है। ज़मीन में फ़साद और तबाही फैलाना उन पाबंदियों में से एक है जिस पर बहुत ज़ोर दिया गया है।

हौजा न्यूज एजेंसी

तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
وَإِذِ اسْتَسْقَىٰ مُوسَىٰ لِقَوْمِهِ فَقُلْنَا اضْرِب بِّعَصَاكَ الْحَجَرَ ۖ فَانفَجَرَتْ مِنْهُ اثْنَتَا عَشْرَةَ عَيْنًا ۖ قَدْ عَلِمَ كُلُّ أُنَاسٍ مَّشْرَبَهُمْ ۖ كُلُوا وَاشْرَبُوا مِن رِّزْقِ اللَّـهِ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ  वा इज़िस्तुस्क़ा मूसा लेक़ौमेही फ़क़ुल्नज़रिब बेअसाकल हज्रा फ़ंफ़ज्रत मिन्हुस नता अशारता ऐनन क़द अलेमा कुल्लो ओनासिम मशरबाहुम कुलू वश्रेबू मिर रिज़्क़िल्लाहे वला तासौ फ़िल अर्ज़े मुस्सेदीना (बकरा 60)

अनुवादः और (उस समय को याद करो) जब मूसा ने (अल्लाह से) अपनी क़ौम के लिए पानी माँगा। तब हम ने कहा, चट्टान पर अपनी लाठी मार, जिससे बारह सोते फूट निकले, इस प्रकार एक एक दल को अपना अपना घाट मिल गया। (हमने कहा) अल्लाह की दी हुई जीविका में से खाओ और पियो और धरती में फसाद न फैलाओ।

📕 क़ुरआन की तफसीर 📕

1️⃣      फ़िरऔन की हुकूमत से निजात मिलने के बाद हज़रत मूसा (अलैहि वसल्लम) की क़ौम ऐसी ज़मीन में फिरती रही जहाँ पानी की सख्त किल्लत थी।
2️⃣     अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को हुक्म दिया कि पानी लाने के लिए अपनी लाठी को एक पत्थर पर मारो।
3️⃣     जब मूसा की लाठी पत्थर पर पड़ी, तब पानी के बारह सोते फूट निकले।
4️⃣     हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के समय में बनी इस्राईल के बारह क़बीले थे और हर वसंत बानी इस्राईल के एक क़बीले के लिए था।
5️⃣     कमी होने पर भरण-पोषण और कोटा प्रणाली का वितरण आवश्यक है।
6️⃣     सामाजिक भेदों की नींव को उखाड़ने की जरूरत है।
7️⃣    ज़मीन में फ़साद और तबाही फैलाना उन पाबंदियों में से एक है जिस पर बहुत ज़ोर दिया गया है।
8️⃣     दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन और अतिक्रमण भ्रष्टाचार और विनाश के उदाहरणों में से एक है।


•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•
📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .