۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा: अपने आप को झूठे और अनुचित आरोपों से मुक्त करने की कोशिश करना एक अच्छा और सराहनीय अभ्यास है। अज्ञानता खतरे पैदा करती है और चूक का स्रोत है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम 
وَإِذْ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوْمِهِ إِنَّ اللَّـهَ يَأْمُرُكُمْ أَن تَذْبَحُوا بَقَرَةً ۖ قَالُوا أَتَتَّخِذُنَا هُزُوًا ۖ قَالَ أَعُوذُ بِاللَّـهِ أَنْ أَكُونَ مِنَ الْجَاهِلِينَ वा इज़ काला मूसा लेकौमेही इन्नल्लाहा यामोरोकुम अन तज़बहू बक़ारतन क़ालू आतततखिज़ना हुज़ूवन काला आऊज़ो बिल्लाहे अन अकूना मिनल जाहेलीन । (बकरा 67)

अनुवादः और (उस समय को याद करो) जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहाः अल्लाह तुम्हें आदेश देता है कि एक गाय ज़बह करो। उन्होंने कहा: आप हमारे साथ मजाक कर रहे हैं।

📕 क़ुरआन की तफसीर 📕

1️⃣    अल्लाह तआला ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम के लोगों को एक गाय को काटने का आदेश दिया।
2️⃣    बनी इस्राईल का गोहत्या को खेल समझकर उनका मज़ाक उड़ाने का फ़ैसला, यह उनका विश्लेषण और ग़लत धारणा थी।
3️⃣    हजरत मूसा अलैहिस्सलाम के लोगों ने उन पर अल्लाह तआला के आदेश को पहुंचाने में झूठ बोलने का आरोप लगाया।
4️⃣    बनी इस्राईल ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर इल्ज़ाम लगाया कि वह अपनी क़ौम का मज़ाक उड़ाते हैं।
5️⃣    हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के ज़माने में मत और मत की अभिव्यक्ति की आज़ादी थी।
6️⃣    गलत और अनावश्यक आरोपों से खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश करना एक अच्छा और सराहनीय कार्य है।
7️⃣    नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) लोगों का मज़ाक उड़ाने और उन्हें खेल समझने से आज़ाद हैं।
8️⃣    अज्ञानता खतरे पैदा करती है और फिसलन का स्रोत है।
9️⃣     लोगों का मजाक उड़ाना और उपहास उड़ाना, इसका आधार अज्ञानता है।


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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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