हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरआन: तफसीर सूरा बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَإِذْ قَتَلْتُمْ نَفْسًا فَادَّارَأْتُمْ فِيهَا ۖ وَاللَّهُ مُخْرِجٌ مَّا كُنتُمْ تَكْتُمُونَ वा इज़ कतलतुम नफसन फ़द्दारातुम फ़ीहा वल्लाहो मुखरेजुम मा कुंतुम तकतोमून (बकरा 72)
अनुवाद: और (उस वक़्त को याद करो) जब तुमने एक शख्स को क़त्ल किया। और फिर वो इसके बारे में बहस करने लगे (एक दूसरे पर हत्या का आरोप लगाते हुए) और जो कुछ तुम छुपा रहे थे उसे अल्लाह प्रकट करने वाला था।
📕 क़ुरआन की तफसीर 📕
1️⃣ जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की क़ौम का एक सदस्य क़त्ल किया गया तो हर क़ौम एक दूसरे पर इल्ज़ाम लगाने लगा, इस तरह आपस में मतभेद और तकरार पैदा हो गया।
2️⃣ अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की क़ौम को ख़ुशख़बरी दी कि उन्होंने कातिल की पहचान कर ली है और कातिलों की पहचान उजागर करने की धमकी दी है।
3️⃣ हजरत मूसा अलैहिस्सलाम की क़ौम के कुछ लोग कातिल को जानते थे, लेकिन उन्होंने उसकी पहचान ज़ाहिर करने से परहेज़ किया।
4️⃣ अल्लाह तआला इंसानों के रहस्यों से वाकिफ है और उन्हें प्रकट करने की शक्ति और ऊर्जा रखता है।
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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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