۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / तोरात सच और झूठ के बीच निर्णय करने का सबसे अच्छा साधन है। तोरात जो हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को दी गई थी, बनी इसराइल पर अल्लाह सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद में से एक है।

हौजा न्यूज एजेंसी

तफसीर; इत्रे कुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
وَإِذْ آتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ وَالْفُرْقَانَ لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ   वा इज़ आतैयना मूसल किताबा वल फुरक़ाना लाअल्लकुम तहतोदून (बकरा 53)

अनुवादः और (उस समय को याद करो) जब फिरऔन (तुम पर अत्याचार कर रहा था) हमने मूसा को फुरकान की किताब प्रदान की, ताकि तुम मार्ग पा सको।

📕क़ुरआन की तफसीर: 📕

1️⃣     हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम साहिबे किताब और शरीयत नबियों में से एक थे।
2️⃣    अल्लाह तआला ने तोरात हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को दिया।
3️⃣    अल्लाह तआला ने तोरात के अलावा ऐसे तथ्य प्रदान किए हैं जो सत्य और असत्य के बीच अंतर करने का एक साधन हैं।
4️⃣    तोरात सच और झूठ के बीच फैसला करने का सबसे अच्छा साधन है।
5️⃣    तोरात जो हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को दिया गया था वह बनी इस्राईल पर अल्लाह की नेमतों में से एक था।


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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा 
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