हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
فَجَعَلْنَاهَا نَكَالًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهَا وَمَا خَلْفَهَا وَمَوْعِظَةً لِّلْمُتَّقِينَ फ़जाअलनाहा नकालल लम्मा बैयना यदयहा वमा खल्लफ़हा वा मौएज़तल लिल मुत्ताक़ीन (बक़रा 66)
अनुवादः अतः हमने इस घटना को इस युग के लोगों के लिए और बाद में आने वालों के लिए एक सीख और परहेज़गारों के लिए एक नसीहत बना दिया।
📕 क़ुरआन की तफसीर 📕
1️⃣ सब्त के साथियों की सजा उनके समकालीनों और भविष्य के लोगों के लिए एक सबक है।
2️⃣ सब्त के साथियों का अंत धर्मपरायण लोगों के लिए उपदेश और सलाह है।
3️⃣ गुनाहगार और ख़ुदा के हुक्म से भटकने वाली उम्मतों के लिए दुनियावी सज़ा भुगतने और बुरे अंत का ख़तरा है।
4️⃣ घटनाएँ और दुर्घटनाएँ सर्वशक्तिमान ईश्वर के हाथ में शिक्षाप्रद हैं।
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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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