हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूल काफी " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الإمامُ الكاظمُ عليه السلام
إنَّ الحَرامَ لايُنمى و إن نُمِىَ لايُبارَكُ فيهِ
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने फरमाया:
फ़रमाया:
हराम माल बढ़ता नहीं हैं और अगर बढ़ भी जाय तो उसमें बरकत नहीं होती,
अलकाफी,भाग 5,पेंज 125