हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रसिद्ध मराज ए एज़ाम ने महिलाओं के लिए नमाज़ पढ़ते समय हिजाब से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवालः महिलाओं के लिए नमाज़ पढ़ते समय हिजाब कितना ज़रूरी है?
जवाब:
महिलाओं के लिए नमाज़ अदा करते समय अपने पूरे शरीर को ढंकना अनिवार्य है, यहाँ तक कि अपने सिर के बालों को भी ढकना
लेकिन
वुज़ू करते समय जितना चेहरा धोया जाता है। उतने चेहरा का छुपाना जरूरी नहीं है। [11]
इसी तरह अगर कोई ग़ैर महरम औरत न देखे तो ज़रूरी नहीं कि दोनों हाथ और पैर टखनों तक ढके हों।
लेकिन
यह महत्वपूर्ण है कि यदि आप सुनिश्चित हैं कि अनिवार्य सीमा छिपाई गई है, तो यह आवश्यक है कि [2] चेहरे के किनारों पर और टखनों के नीचे से भी थोड़ा छिपाया जाए।
स्रोत:
[1]। एक महिला पर गर्दन और ठोड़ी के निचले हिस्से को ढंकना अनिवार्य है; चाहे नमाज में हो या नमाज़ में न हो।
सिस्तानी : ठुड्डी सामान्य रूप से घूंघट से ढकी नहीं होती, इसे चेहरे की गोलाई माना जाता है।
[2]। मकरम: एहतियाते वाजिब है।