शुक्रवार 28 अप्रैल 2023 - 10:24
सूर ए बकराह: सत्य का धर्म विश्वास का स्रोत है

हौज़ा / कार्यक्षेत्र मनुष्य का सच्चा लाभ पवित्र कुरान और इस्लाम के पैगंबरपर विश्वास करना है। पवित्र कुरान और इस्लाम के पैगंबर की आज्ञाओं को त्यागने का परिणाम वह इस लोक और परलोक का घाटा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी 

तफ़सीर: इत्रे क़ुरआन: सूर ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
الَّذِينَ آتَيْنَاهُمُ الْكِتَابَ يَتْلُونَهُ حَقَّ تِلَاوَتِهِ أُولَـٰئِكَ يُؤْمِنُونَ بِهِ ۗ وَمَن يَكْفُرْ بِهِ فَأُولَـٰئِكَ هُمُ الْخَاسِرُونَ  अल्लज़ीना आतयनाहोमुल किताबा यतलूनहू हक्का तिलावतेहि उलाएका योमेनून बेहि वा मन यकफ़ुर बेहि फ़उलाएका होमुल ख़ासेरून (बकरा 121)

अनुवाद: जिन लोगों को हमने किताब दी  वे इसे ऐसे पढ़ते हैं जिस तरह पढ़ने का हक़ है वही लोग है जो इस पर ईमान लाते है और इसका इंकार करते है तो यही लोग नुकसान उठाने वाले है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣   यहूदी और ईसाई उन राष्ट्रों में से हैं जिनके पास किताब थी।
2️⃣   तौरात और बाइबिल, पवित्र कुरान और पैगंबर का पाठ और आज्ञाकारिता विश्वास का कारण है।
3    किसकी स्वर्गीय पुस्तकों का पालन करना आवश्यक है, और किसकी आज्ञाकारिता विश्वास करने का कारण है?
4️⃣ सत्य का धर्म, जब जांच करना उचित है, तो विश्वास का कारण क्या है।
5️⃣ मनुष्य जिसका सच्चा लाभ पवित्र कुरान और इस्लाम के पैगंबर पर विश्वास से भरा हुआ है।
6️⃣ पवित्र कुरान और इस्लाम के पैगम्बर के आदेशों को छोड़कर, इस दुनिया और उसके बाद का परिणाम घाटा है।

•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•
तफ़सीर राहनुमा, सूर ए बकरा
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha