हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
हराम विवाह
कुछ लोग सोचते हैं कि शादी करने का मैआर लोगों की सहमति पर निर्भर है, जबकि कुछ मामलों में लोगों की इच्छा होने पर भी शादी करना मना है।
निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:
1️⃣ किसी लड़की से उसके अभिभावक (पिता या दादा) की अनुमति के बिना विवाह करना हराम है।
2️⃣ काफिर और बहुदेववादी और विचलित संप्रदाय जैसे बहाई संप्रदाय।
3️⃣ ऐसी स्त्री से विवाह करना जिसका पति उसे बिना तलाक दिए छोड़ कर चला गया हो।
4️⃣ दो बहनों के साथ एक साथ विवाह करना हराम है।
5️⃣ इद्दत में रहने वाली स्त्री से विवाह करना हराम है।
6️⃣ महरम लोगो से निकाह करना हराम है।
7️⃣ सुन्नी या वहाबी लड़के से शादी करने वाली शिया लड़की के लिए यह जायज़ नहीं है अगर उसे इस बात का डर हो कि वह निकाह के ज़रिए गुमराह हो जाएगी।
स्रोत:
1. इमाम ख़ुमैनी के इस्तिफतेआत , भाग 3, पेज 126-127
2. अहकाम बानवान वहीदी, पेज 165
3. तौजीह अल मसाइल मराजे, भाग 2, मस्अला न 2384 और 2448
4. अहकाम दो दक़ीक़ेई , महमूद अकबरी, भाग 3, पेज 73