हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,उस इंसान की ज़िन्दगी सबसे अच्छे व मुकम्मल रूप में है जो अल्लाह की राह पर चल सके और अपने अल्लाह को ख़ुद से राज़ी रख सके, इच्छाएं उसे अपना ग़ुलाम न बना सकें,
भौतिकवाद में घिरा इंसान जो इच्छा, ग़ुस्से, वासना और अपने ज़ज़्बात का क़ैदी बन जाए, एक हक़ीर इंसान है, चाहे वह दिखने में कितना ही बड़ा नज़र आता हो, चाहे उसके पास कैसा ही ओहदा हो,
इस्तेग़फ़ार आपको इस पतन से नजात दिला सकता है, इस्तेग़फ़ार आपके प्रकाशमान मन पर लगी ज़ंग को हटा कर फिर से उसे रौशन कर देता है। हर इंसान अपनी अस्ली हक़ीक़त में नूरानी है, यहाँ तक कि वह इंसान जो अल्लाह से कोई संपर्क व परिचय नहीं रखता, उसकी हक़ीक़त और जौहर नूरानियत है,
अलबत्ता आत्मज्ञान न होने की वजह से गुनाह और इच्छाएं मन पर जंग लगा देती हैं। इस्तेग़फ़ार इस ज़ंग को साफ़ करके फिर से नूरानी बना देता है।