हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आयान अलशिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
اِيّاكُمْ اَنْ يَحْـسُدَ بَعْضُكُمْ بَعْضا فَاِنَّ الْكُفْرَ اَصْلُهُ الْحَـسَدُ
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
एक दूसरे से हसद करने से बचें क्योंकि कुफर और बेदीनी हसद से ही जन्म लेती हैं।
आयान अलशिया,भाग 1/673